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फिर हारून की सन्तान के दल ये थे। हारून के पुत्र तो नादाब, अबीहू, एलीआजर और ईतामार थे।
2 परन्तु नादाब और अबीहू अपने पिता के साम्हने पुत्रहीन मर गए, इस लिये याजक का काम एलीआजर और ईतामार करते थे।
3 और दाऊद ने एलीआजर के वंश के सादोक और ईतामार के वंश के अहांमेलेक की सहायता से उन को अपनी अपनी सेवा के अनुसार दल दल कर के बांट दिया।
4 और एलीआजर के वंश के मुख्य पुरुष, ईतामार के वंश के मुख्य पुरुषों से अधिक थे, और वे यों बांटे गए अर्थात एलीआजर के वंश के पितरों के घरानों के सोलह, और ईतामार के वंश के पितरों के घरानों के आठ मुख्य पुरुष थे।
5 तब वे चिट्ठी डाल कर बराबर बराबर बांटे गए, क्योंकि एलीआजर और ईतामार दोनों के वंशों में पवित्रस्थान के हाकिम और परमेश्वर के हाकिम नियुक्त हुए थे।
6 और नतनेल के पुत्र शमायाह ने जो लेवीय था, उनके नाम राजा और हाकिमों और सादोक याजक, और एब्यातार के पुत्र अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के साम्हने लिखे; अर्थात पितरों का एक घराना तो एलीआजर के वंश में से और एक ईतामार के वंश में से लिया गया।
7 पहिली चिट्ठी तो यहोयारीब के, और दूसरी यदायाह,
8 तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के,
9 पांचवीं मल्किय्याह के, छठवीं मिय्यामीन के,
10 सातवीं हक्कोस के, आठवीं अबिय्याह के,
11 नौवीं येशू के, दसवीं शकन्याह के,
12 ग्यारहवीं एल्याशीब के, बारहवीं याकीम के,
13 तेरहवीं हुप्पा के, चौदहवीं येसेबाब के,
14 पन्द्रहवीं बिल्गा के, सोलहवीं इम्मेर के,
15 सतरहवीं हेजीर के, अठारहवीं हप्पित्सेस के,
16 उन्नीसवीं पतह्याह के, बीसवीं यहेजकेल के,
17 इक्कीसवीं याकीन के, बाईसवीं गामूल के,
18 तेईसवीं दलायाह के, और चौबीसवीं साज्याह के नाम पर निकलीं।
19 उनकी सेवकाई के लिये उनका यही नियम ठहराया गया कि वे अपने उस नियम के अनुसार जो इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनके मूलपुरुष हारून ने चलाया था, यहोवा के भवन में जाया करें।
20 बचे हुए लेवियों में से अम्राम के वंश में से शूबाएल, शूबाएल के वंश में से येहदयाह।
21 बचा रहब्याह, सोरहब्याह, के वंश में से यिश्शिय्याह मुख्य था।
22 इसहारियों में से शलोमोत और हालोमोत के वंश में से यहत।
23 और हेब्रोन के वंश में से मुख्य तो यरिय्याह, दूसरा अमर्याह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम।
24 उज्जीएल के वंश में से मीका और मीका के वंश में से शामीर।
25 मीका का भाई यिश्शिय्याह, यिश्शिय्याह के वंश में से जकर्याह।
26 मरारी के पुत्र महली और मूशी और याजिय्याह का पुत्र बिनो था।
27 मरारी के पुत्र: याजिय्याह से बिनो और शोहम, जक्कू और इब्री थे।
28 महली से, एलीआजर जिसके कोई पुत्र न था।
29 कीश से कीश के वंश में यरह्योल।
30 और मूशी के पुत्र, महली, एदेर और यरीमोत। अपने अपने पितरो के घरानों के अनुसार ये ही लेवीय सन्तान के थे।
31 इन्होंने भी अपने भाई हारून की सन्तानों की नाईं दाऊद राजा और सादोक और अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के साम्हने चिट्ठियां डालीं, अर्थात मुख्य पुरुष के पितरों का घराना उसके छोटे भाई के पितरों के घराने के बराबर ठहरा।
2 परन्तु नादाब और अबीहू अपने पिता के साम्हने पुत्रहीन मर गए, इस लिये याजक का काम एलीआजर और ईतामार करते थे।
3 और दाऊद ने एलीआजर के वंश के सादोक और ईतामार के वंश के अहांमेलेक की सहायता से उन को अपनी अपनी सेवा के अनुसार दल दल कर के बांट दिया।
4 और एलीआजर के वंश के मुख्य पुरुष, ईतामार के वंश के मुख्य पुरुषों से अधिक थे, और वे यों बांटे गए अर्थात एलीआजर के वंश के पितरों के घरानों के सोलह, और ईतामार के वंश के पितरों के घरानों के आठ मुख्य पुरुष थे।
5 तब वे चिट्ठी डाल कर बराबर बराबर बांटे गए, क्योंकि एलीआजर और ईतामार दोनों के वंशों में पवित्रस्थान के हाकिम और परमेश्वर के हाकिम नियुक्त हुए थे।
6 और नतनेल के पुत्र शमायाह ने जो लेवीय था, उनके नाम राजा और हाकिमों और सादोक याजक, और एब्यातार के पुत्र अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के साम्हने लिखे; अर्थात पितरों का एक घराना तो एलीआजर के वंश में से और एक ईतामार के वंश में से लिया गया।
7 पहिली चिट्ठी तो यहोयारीब के, और दूसरी यदायाह,
8 तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के,
9 पांचवीं मल्किय्याह के, छठवीं मिय्यामीन के,
10 सातवीं हक्कोस के, आठवीं अबिय्याह के,
11 नौवीं येशू के, दसवीं शकन्याह के,
12 ग्यारहवीं एल्याशीब के, बारहवीं याकीम के,
13 तेरहवीं हुप्पा के, चौदहवीं येसेबाब के,
14 पन्द्रहवीं बिल्गा के, सोलहवीं इम्मेर के,
15 सतरहवीं हेजीर के, अठारहवीं हप्पित्सेस के,
16 उन्नीसवीं पतह्याह के, बीसवीं यहेजकेल के,
17 इक्कीसवीं याकीन के, बाईसवीं गामूल के,
18 तेईसवीं दलायाह के, और चौबीसवीं साज्याह के नाम पर निकलीं।
19 उनकी सेवकाई के लिये उनका यही नियम ठहराया गया कि वे अपने उस नियम के अनुसार जो इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनके मूलपुरुष हारून ने चलाया था, यहोवा के भवन में जाया करें।
20 बचे हुए लेवियों में से अम्राम के वंश में से शूबाएल, शूबाएल के वंश में से येहदयाह।
21 बचा रहब्याह, सोरहब्याह, के वंश में से यिश्शिय्याह मुख्य था।
22 इसहारियों में से शलोमोत और हालोमोत के वंश में से यहत।
23 और हेब्रोन के वंश में से मुख्य तो यरिय्याह, दूसरा अमर्याह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम।
24 उज्जीएल के वंश में से मीका और मीका के वंश में से शामीर।
25 मीका का भाई यिश्शिय्याह, यिश्शिय्याह के वंश में से जकर्याह।
26 मरारी के पुत्र महली और मूशी और याजिय्याह का पुत्र बिनो था।
27 मरारी के पुत्र: याजिय्याह से बिनो और शोहम, जक्कू और इब्री थे।
28 महली से, एलीआजर जिसके कोई पुत्र न था।
29 कीश से कीश के वंश में यरह्योल।
30 और मूशी के पुत्र, महली, एदेर और यरीमोत। अपने अपने पितरो के घरानों के अनुसार ये ही लेवीय सन्तान के थे।
31 इन्होंने भी अपने भाई हारून की सन्तानों की नाईं दाऊद राजा और सादोक और अहीमेलेक और याजकों और लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों के साम्हने चिट्ठियां डालीं, अर्थात मुख्य पुरुष के पितरों का घराना उसके छोटे भाई के पितरों के घराने के बराबर ठहरा।